फार्मा मालिक भूमिगत हुआ बच्चों की मौत के बाद, मध्य प्रदेश पुलिस ने कैसे की उसे मध्यरात्रि में गिरफ्तारी?

Summary

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ के कारण 22 बच्चों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी सारसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें गुरुवार को सुबह 1:30 बजे चेन्नई में एक नाटकीय ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया। रंगनाथन और […]

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ के कारण 22 बच्चों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी सारसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें गुरुवार को सुबह 1:30 बजे चेन्नई में एक नाटकीय ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया।

रंगनाथन और उनकी पत्नी उस समय से फरार थे जब 22 बच्चों की मौत का मामला सामने आया। पुलिस ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की। छिंदवाड़ा पुलिस की एक विशेष टीम 5 अक्टूबर को चेन्नई पहुंची, जिसमें महिला अधिकारी, साइबर विशेषज्ञ और दवा निरीक्षक शामिल थे। इस ऑपरेशन की योजना बेहद सावधानी से बनाई गई थी।

चेन्नई से छिंदवाड़ा तक जांच का दायरा

रंगनाथन की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कांचीपुरम में सारसन फार्मा के कारखाने पर छापा मारा और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। अब पुलिस चेन्नई की अदालत से ट्रांजिट रिमांड की मांग कर रही है ताकि रंगनाथन को छिंदवाड़ा लाकर पूछताछ की जा सके। जांच में यह भी सामने आया है कि पुलिस ने रंगनाथन का पता उनके वाहनों, निवास और बैंक लेनदेन की निगरानी करके लगाया।

इससे पहले, छिंदवाड़ा पुलिस ने रंगनाथन की गिरफ्तारी के लिए 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। यह कदम तब उठाया गया जब बच्चों की मौत की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। सारसन फार्मा की लापरवाही और नियमों की अनदेखी अब जांच के केंद्र में है।

जहरीले सिरप का काला कारोबार

सारसन फार्मास्यूटिकल्स को 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था। बाद में इसे कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के रजिस्टर से हटा दिया गया। इसके बावजूद, यह एक स्वामित्व संरचना के तहत संचालित होता रहा। इससे नियामक निगरानी पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं। कंपनी ने सिरप, टॉनिक और हर्बल फॉर्मुलेशन के व्यापार की बात की थी।

छिंदवाड़ा में घटित यह घटना न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह स्वास्थ्य प्रणाली और औषधि नियमों की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाती है। पुलिस जांच के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

सारसन फार्मा पर उठे सवाल

इस मामले में कई पहलुओं की जांच की जा रही है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि क्या कंपनी ने आवश्यक अनुमति और लाइसेंस प्राप्त किए थे। इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि क्या दवा के निर्माण में मानकों का पालन किया गया था। पुलिस ने कई गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और कंपनी के अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

अभी तक की जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि यदि समय पर कार्रवाई की गई होती, तो संभवतः इन बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। इस मामले ने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है। सरकार ने इस विषय पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक सुधार लागू करने का आश्वासन दिया है।

निष्कर्ष

बच्चों की मौत की इस दुखद घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अब यह आवश्यक है कि इस मामले में न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। रंगनाथन गोविंदन की गिरफ्तारी के बाद, उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय इस मामले में सख्त निर्णय लेगा और दोषियों को सजा दिलाएगा।

Kapil Sharma

Kapil Sharma has worked as a journalist in Jagran New Media and Amar Ujala. Before starting his innings with NewsState24, he has served in many media organizations like Khabar24Live, Republic Bharat.

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